मिशन शक्ति 5.0 के तहत अमरोहा पुलिस का एक और अभिनव प्रयास
तिगरी मेला-2025 सभागार, तिगरीधाम, गजरौला में स्किल विकास और उच्च शिक्षा से करियर डेवलपमेंट और उद्यमिता द्वारा महिला सशक्तिकरण विषय पर कॉन्फ्रेंस का भव्य आयोजन
पुलिस अधीक्षक अमरोहा श्री अमित कुमार आनंद, क्षेत्राधिकारी धनौरा अंजली कटारिया एवं IGNOU, उद्योग विभाग, चिकित्सा व टेक्नोलॉजी क्षेत्र के विशेषज्ञ रहे उपस्थित और युवाओं व महिलाओं को प्रेरक मार्गदर्शन प्रदान किया।
आज दिनांक 02.11.2025 को तिगरी मेला-2025 सभागार, तिगरीधाम में पुलिस अधीक्षक अमरोहा श्री अमित कुमार आनंद के निर्देशन में मिशन शक्ति 5.0 के अंतर्गत स्किल विकास और उच्च शिक्षा से करियर डेवलपमेंट और उद्यमिता द्वारा महिला सशक्तिकरण विषय पर एक प्रेरणादायक कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। इस कॉन्फ्रेंस का उद्देश्य महिलाओं, छात्राओं और युवाओं को आत्मनिर्भर, शिक्षित और करियर उन्मुख बनाना है। कार्यक्रम में शिक्षा, उद्योग, उद्यमिता, मानसिक स्वास्थ्य और टेक्नोलॉजी जैसे विविध क्षेत्रों के विशेषज्ञों ने युवाओं से सीधा संवाद किया और उनके प्रश्नों के समाधान दिए।
कार्यक्रम की शुरुआत में शास्त्रीय नृत्य में पारंगत अंतर्राष्ट्रीय कलाकर सुश्री अनुपमा कौशिक द्वारा मिशन शक्ति की भावना पर आधारित मनमोहक सांस्कृतिक प्रस्तुति दी गयी । नृत्य ने उपस्थित सभी अतिथियों का मन मोह लिया। छात्राओं की प्रस्तुतियों ने न केवल समाज में महिला सम्मान और सुरक्षा का सशक्त संदेश दिया, बल्कि सशक्त नारी – सशक्त भारत की भावना को भी जीवंत कर दिया।
तत्पश्चात CO धनोरा श्रीमती अंजलि कटारिया ने कार्यक्रम का परिचय देते हुए कहा कि यह मंच सिर्फ विचारों का नहीं, बल्कि परिवर्तन का प्रतीक है। स्किल और एजुकेशन से जब महिलाएं आगे बढ़ेंगी, तो समाज स्वतः सशक्त होगा।
पुलिस अधीक्षक अमरोहा श्री अमित कुमार आनंद ने अपने उद्बोधन में कहा कि शिक्षा और कौशल किसी व्यक्ति का सबसे बड़ा सुरक्षा कवच हैं। जब महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त होती हैं, तो पूरा परिवार और समाज मजबूत होता है। अमरोहा पुलिस इस दिशा में युवाओं के लिए हरसंभव सहयोग देने के लिए तत्पर है। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे सरकारी सेवाओं, निजी क्षेत्र और उद्यमिता तीनों ही रास्तों को अपनाने से न झिझकें, क्योंकि हर रास्ते पर मेहनत और लगन ही सफलता की चाबी है।
गणमान्य वक्ताओं के विचार
डिज़ाइन थिंकिंग: नवाचार और समस्या समाधान की आधुनिक दृष्टि
श्रीमती सुगंधा अरोड़ा, शिक्षाविद् एवं डिज़ाइन थिंकिंग विशेषज्ञ ने कहा कि 21वीं सदी की शिक्षा केवल ज्ञान देने तक सीमित नहीं है, बल्कि सोचने और सृजन करने की क्षमता विकसित करने का माध्यम है। डिज़ाइन थिंकिंग एक ऐसी प्रक्रिया है जो युवाओं को समस्याओं को अवसरों में बदलने की सोच देती है। उन्होंने कहा कि आज के छात्र और युवा तभी सच्चे इनोवेटर बन सकते हैं जब वे किसी समस्या को सहानुभूति, विश्लेषण और प्रयोग के साथ हल करना सीखें। डिज़ाइन थिंकिंग से ही स्टार्टअप संस्कृति और उद्यमिता की नई पीढ़ी तैयार होती है। उन्होंने युवाओं को संदेश दिया कि असफलता को डर नहीं, बल्कि सीख का अवसर समझें क्योंकि सृजन वहीं होता है जहाँ जिज्ञासा और साहस मिलते हैं।
आईटी प्रोफेशन और स्टार्टअप्स में युवाओं के लिए नए अवसर
श्री वीरेंद्र शर्मा, आईटी प्रोफेशनल एवं स्टार्टअप मेंटर ने कहा कि आज का युग तकनीक और नवाचार का युग है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ब्लॉकचेन, साइबर सिक्योरिटी, और ऐप डेवलपमेंट जैसे क्षेत्रों में रोजगार की असीम संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि भारत आज डिजिटल टैलेंट की राजधानी बन रहा है और अगर हमारे युवा अपने कौशल को निखारें तो वे न केवल नौकरी पाने बल्कि नौकरी देने वाले बन सकते हैं। उन्होंने युवाओं को प्रेरित किया कि वे अपने स्टार्टअप विचारों को केवल सपना न रखें, बल्कि उसे योजनाबद्ध तरीके से हकीकत में बदलें। उन्होंने यह भी कहा कि आईटी क्षेत्र में सफलता के लिए तकनीकी ज्ञान के साथ अनुशासन, टीमवर्क और सतत् सीखने की प्रवृत्ति आवश्यक है।
युवा, पैसा और स्टार्टअप की पहली सीढ़ी
श्रीमती वृंदा अग्रवाल, सीनियर चार्टर्ड अकाउंटेंट, आशीर्वाद कंसल्टेंट्स, गाज़ियाबाद ने कहा कि किसी भी स्टार्टअप की सफलता की पहली शर्त है वित्तीय योजना और अनुशासन। उन्होंने युवाओं को समझाया कि कैश फ्लो, बजटिंग, फंडिंग और टैक्स मैनेजमेंट जैसे मूलभूत पहलू यदि शुरुआत में ही सही कर लिए जाएं, तो व्यवसाय तेजी से आगे बढ़ता है। उन्होने कहा कि पारदर्शिता, ईमानदारी और दीर्घकालिक दृष्टिकोण ही किसी भी उद्यम की सच्ची पूंजी है।
महिलाएं मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान कैसे रखें
डॉ.शोभा शर्मा, सीनियर क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट, यशोदा हॉस्पिटल, गाज़ियाबाद ने कहा कि महिलाएं परिवार, कार्यस्थल और समाज – तीनों जिम्मेदारियां साथ निभाती हैं, इसलिए उन पर मानसिक दबाव अधिक होता है। उन्होंने बताया कि तनाव, चिंता और अवसाद जैसी स्थितियों से निपटने के लिए आत्मसंवाद, योग, ध्यान और परामर्श बेहद उपयोगी साधन हैं। उन्होंने महिलाओं से अपील की कि वे अपने मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें।
सामुदायिक मानसिक स्वास्थ्य सेवा से महिला सशक्तिकरण
डॉ. भाविनी तिवारी, क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट, यशोदा हॉस्पिटल, गाज़ियाबाद ने कहा कि एक सशक्त समाज तभी बन सकता है जब हर व्यक्ति मानसिक रूप से स्वस्थ हो। महिलाएं परिवार की रीढ़ होती हैं यदि वे मानसिक रूप से सशक्त होंगी तो पूरा समाज स्वस्थ होगा। उन्होंने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य केवल व्यक्तिगत विषय नहीं बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी है, और समुदाय में सहयोग, संवाद और संवेदनशीलता की संस्कृति ही सशक्तिकरण का आधार बन सकती है।
आईटी व टेलीकम्युनिकेशन क्षेत्र में महिलाओं की नई भूमिका, नीति सहायता व कौशल विकास
श्री युधिष्ठिर शर्मा, वरिष्ठ आईटी प्रोफेशनल एवं स्टार्टअप फाउंडर, नोएडा ने कहा कि तकनीक ने महिलाओं के लिए अवसरों के नए द्वार खोले हैं। आज महिलाएं कोडर, प्रोजेक्ट मैनेजर, डेटा एनालिस्ट, और स्टार्टअप फाउंडर बन रही हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की डिजिटल स्किल मिशन जैसी योजनाएं महिलाओं को नई तकनीकी क्षमताओं से सशक्त कर रही हैं। तकनीक अब केवल पुरुष प्रधान क्षेत्र नहीं रहा महिलाएं अब टेक्नोलॉजी को सामाजिक परिवर्तन का साधन बना रही हैं।
आईटी, टेलीकॉम व AI में करियर विकास, कौशल विकास व स्टार्टअप्स
श्री तरुण शेखावत, वरिष्ठ आईटी प्रोफेशनल एंड स्टार्टअप मेंटर ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डिजिटलाइजेशन ने रोजगार की परिभाषा बदल दी है। अब युवाओं को सर्टिफिकेट्स से ज्यादा कौशल की जरूरत है। उन्होंने कहा कि AI, साइबर सिक्योरिटी, और डेटा साइंस जैसे क्षेत्र भारत को टैलेंट हब बना रहे हैं। युवाओं को चाहिए कि वे नई तकनीकों को अपनाएं और अपने विचारों को उद्यम में बदलें।
कोडिंग के माध्यम से आईटी के क्षेत्र में संभावनाएं
श्री मोनू सिंह सिद्धू, जावा डेवलपर ने कहा कि कोडिंग आज की भाषा है जो इसे समझता है, वही आने वाले कल की दुनिया गढ़ता है। उन्होंने बताया कि कोडिंग केवल इंजीनियरिंग नहीं, बल्कि तर्कशक्ति और रचनात्मकता का संगम है। चाहे ऐप डेवलपमेंट हो या साइबर सुरक्षा, कोडिंग हर क्षेत्र की नींव बन चुकी है। उन्होंने युवाओं को प्रेरित किया कि वे कंज़्यूमर नहीं बल्कि क्रिएटर बनें।
कॉन्फ्रेंस में सैकड़ों छात्राओं, महिलाओं और युवाओं ने भाग लिया। कार्यक्रम के अंत में पुलिस अधीक्षक अमरोहा श्री अमित कुमार आनंद द्वारा सभी वक्ताओं को सम्मानित किया गया तथा धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया।
यह कॉन्फ्रेंस केवल जानकारी का मंच नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता, आत्मविश्वास और महिला सशक्तिकरण की दिशा में अमरोहा पुलिस की ठोस पहल है। मिशन शक्ति के अंतर्गत यह प्रयास जनपद की प्रत्येक बेटी और युवक को यह संदेश देता है कि ज्ञान ही शक्ति है, और आत्मनिर्भरता ही सुरक्षा।